जन-जन के कंठ समाई पहचान अमिट बनाई राष्ट्रभाषा हिंदी भारत माँ के माथे की बिंदी समरसता फैलात... जन-जन के कंठ समाई पहचान अमिट बनाई राष्ट्रभाषा हिंदी भारत माँ के माथे की बि...
कल कल की मधुर धारा हो चांद की परछाई पानी में कल कल की मधुर धारा हो चांद की परछाई पानी में
रखें मन में आशा, दूर रखकर निराशा। रखें मन में आशा, दूर रखकर निराशा।
मिल गया यहीं सभी आज हमें जीवन में, मिल गया यहीं सभी ! मधुर मधुर चाँदनी , छिटका रही छवि ! कल्पना... मिल गया यहीं सभी आज हमें जीवन में, मिल गया यहीं सभी ! मधुर मधुर चाँदनी , छिट...
उस का निवास जैसे दिल का जादुई चिराग़ मन में प्रज्वलित होती है मिलन की शीतल आग उस का निवास जैसे दिल का जादुई चिराग़ मन में प्रज्वलित होती है मिलन की शीतल आग
हाँ यही है वो ख़ास एहसास हाँ यही तो प्यार है। हाँ यही है वो ख़ास एहसास हाँ यही तो प्यार है।